संभल बीमा हत्या साजिश: 51 लाख के लिए दिव्यांग की हत्या, जानें कैसे हुआ मामले का खुलासा
उत्तर प्रदेश के संभल में बीमा राशि हड़पने की खौफनाक साजिश सामने आई। एक व्यक्ति ने बेटे की शादी के लिए पैसों की जरूरत में दिव्यांग दरियाब सिंह की हत्या कर दी। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटना बीमा धोखाधड़ी और हत्या की गहरी साजिश को उजागर करती है। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी समझते हैं।
संभल बीमा हत्या साजिश का खुलासा
पिछले साल 31 जुलाई 2024 को संभल के चन्दौसी-बहजोई मार्ग पर दरियाब सिंह की मौत हुई। पहले इसे सड़क हादसा माना गया। हालांकि, बीमा कंपनी टाटा एआईए को क्लेम फाइल में शक हुआ। कंपनी ने संभल पुलिस से शिकायत की। इसके बाद, पुलिस ने जांच शुरू की। पोस्टमार्टम और लोकेशन ट्रेसिंग से सनसनीखेज खुलासा हुआ। दरियाब की मौत हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या थी। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
51 लाख की बीमा पॉलिसी और साजिश
पुलिस जांच में पता चला कि दरियाब के नाम पर पांच बीमा पॉलिसी खरीदी गईं। इनकी कुल राशि 50.68 लाख रुपये थी। बीमा कंपनियां थीं- टाटा एआईए, बजाज, रिलायंस, आईसीआईसीआई, और किसान दुर्घटना बीमा। दरियाब का भाई राजेंद्र नॉमिनी था। लेकिन, उसे इस साजिश की जानकारी नहीं थी। इसलिए, पुलिस ने बीमा एडवाइजर और गारंटर की जांच शुरू की। जांच से साफ हुआ कि यह हत्या बीमा राशि हड़पने की साजिश थी।
संभल बीमा हत्या साजिश के मास्टरमाइंड
मुख्य आरोपी पंकज राघव, एक्सिस बैंक का पॉलिसी एडवाइजर, इस साजिश का मास्टरमाइंड था। ढिलवारी गांव के हरिओम को बेटे की शादी के लिए पैसे चाहिए थे। वह बैंक में लोन लेने गया। वहां पंकज ने उसे बीमा धोखाधड़ी का रास्ता सुझाया। इसके बाद, हरिओम ने गांव के दिव्यांग दरियाब को निशाना बनाया। पंकज ने दरियाब के नाम पर पांच बीमा पॉलिसी कराईं। फिर, हत्या की साजिश रची गई।
हत्या की खौफनाक वारदात
31 जुलाई 2024 की रात हरिओम और उसके भाई विनोद ने दरियाब को बहाने से बिसौली ले गए। वहां से उसे कार में चन्दौसी के सुनसान इलाके में ले जाया गया। पहले दरियाब को शराब पिलाई गई। फिर, आटा गांव के पास विनोद ने उसके सिर पर हथौड़ा मारा। जब वह गिर गया, तो प्रताप सिंह ने कार से उसे कुचल दिया। हत्या को हादसा दिखाने के लिए शव पर कार चढ़ाई गई। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त कार और हथौड़ा बरामद किया।
पुलिस की कार्रवाई और इनाम
संभल पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की। चार आरोपियों- पंकज राघव, हरिओम, विनोद, और प्रताप को गिरफ्तार किया। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जांच में एएसपी डॉ. अनुकृति शर्मा की भूमिका अहम थी। इसलिए, पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया। यह कार्रवाई बीमा धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाती है। अधिक जानकारी के लिए NDTV India पर पढ़ें।
आपकी राय मायने रखती है
इस खौफनाक साजिश ने समाज में बीमा धोखाधड़ी की गंभीर समस्या को उजागर किया है। आप इस मामले के बारे में क्या सोचते हैं? क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कानून चाहिए? नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर साझा करें।
NDTV India
NDTV India is Hindi News Website. Read Hindi News, Latest Hindi News, Today Hindi News, Breaking Hindi News, Hindi Samachar, ताजा ख़बरें, हिंदी समाचार और देश दुनिया से जुड़ी ताजा समाचार.NDTV India
हवाई पट्टी घोटाला: घोटाला करके बेच डाली फिरोजपुर हवाई पट्टी, तीन युद्धों में हुई थी प्रयोग, हाई कोर्ट हैरान
पंजाब के फिरोजपुर में हवाई पट्टी घोटाला सामने आया है। भारतीय वायुसेना की 15 एकड़ जमीन धोखाधड़ी से बेच दी गई। यह हवाई पट्टी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में हुआ था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। यह लेख घोटाले और भारत-पाक तनाव की स्थिति पर प्रकाश डालेगा।
हवाई पट्टी घोटाला: फिरोजपुर में चौंकाने वाला खुलासा
फिरोजपुर के फत्तूवाला गांव में 15 एकड़ की हवाई पट्टी बेचने का मामला उजागर हुआ। इस जमीन का अधिग्रहण 1937-38 में हुआ था। यह भारतीय सेना के नियंत्रण में थी। लेकिन, 1997 में राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर इसे बेच दिया गया। असली मालिक मदन मोहन लाल की 1991 में मृत्यु हो गई थी। फिर भी, 2009-10 में रिकॉर्ड में इसे दूसरों के नाम कर दिया गया। सेना ने कभी इस जमीन का कब्जा नहीं छोड़ा। यह धोखाधड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। फिरोजपुर पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है। इसलिए, यह क्षेत्र संवेदनशील है।
हाईकोर्ट का सख्त रुख: हवाई पट्टी घोटाला की जांच
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया। सेवानिवृत्त कानूनगो निशान सिंह ने याचिका दायर की थी। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी। जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में यह लापरवाही चौंकाने वाली है। कोर्ट ने 21 दिसंबर 2023 को जांच के आदेश दिए थे। लेकिन, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के मुख्य निदेशक को जांच सौंपी गई है। अगली सुनवाई 3 जुलाई 2025 को होगी।
भारत-पाक तनाव और सुरक्षा चुनौतियां
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई। भारत ने पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके जवाब में भारत ने कई कदम उठाए। इनमें सिंधु जल समझौता रद्द करना शामिल है। अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया गया। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। इसके अलावा, पाकिस्तानी दूतावास को बंद कर दिया गया। इन कदमों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस बीच, हवाई पट्टी घोटाला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नई चुनौती है। यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
घोटाले का प्रभाव और भविष्य के कदम
हवाई पट्टी घोटाला राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। यह जमीन युद्ध के समय महत्वपूर्ण थी। इसकी बिक्री से सेना की तैयारियों पर असर पड़ सकता है। हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। लेकिन, जांच में देरी चिंता का विषय है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो को तेजी से काम करना होगा। साथ ही, प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह मामला भारत-पाक तनाव के बीच और भी गंभीर हो जाता है। सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
आपकी राय: इस हवाई पट्टी घोटाले पर आपकी क्या राय है? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है? नीचे कमेंट में अपनी राय साझा करें।
The Hindu: Latest News today from India and the World, Breaking news, Top Headlines and Trending News Videos.
The Hindu Newspaper: Get latest News on Politics, Sports, Business, Arts, Entertainment and trending news Videos from The HinduThe Hindu